चकली भारत का एक चटपटा अल्पाहार है। साधारणतः चकली चावल के आटे, चने के आटे और उड़द दाल के आटे से बनायी जाती है। इसमें हमें विभिन्नता भी मिल सकती है, लेकिन इसका स्वाद हमारे द्वारा उपयोग किये गए आटे पर निर्भर करेंगा। इसी की तरह मुरुक्कू अल्पाहार चने के आटे के बिना ही बनाया जाता है जिसे कभी-कभी चकली भी कहते है –
सामग्री –
एक गहरे बर्तन में चावल का आटा लीजिये।
अब एक छोटी कढाई लीजिये और उसमे पानी गर्म कीजिये। अब उसमे नमक, जीरा, मिर्च पेस्ट और बटर डालिये। अब पानी को अच्छी तरह से उबलने दीजिये। अब इस गर्म पानी को चावल के आटे पर डालिये और चम्मच की सहायता से मिक्स कीजिये। अब 20 मिनट तक मिश्रण को ढका रहने दीजिये।
जब मिश्रण थंडा हो जाये तब उसे गूँथ लीजिये।
अब चकली की मशीन को तेल से ग्रीस कीजिये। उसमे मिश्रण भरिये और कढाई में तलने के लिये पर्याप्त मात्रा में तेल डालकर चकली को गहरा तलिए। ध्यान रहे की आँच ना तो ज्यादा हो और ना ही कम हो।
अब एक छोटा प्लास्टिक पेपर लीजिये। पेपर पर चकली मशीन को दबाइए। दबाते-दबाते मशीन को हल्के हाथो से घुमाते रहिये और जब आपको एक गोलाकार आकार मिलने लगे तब मशीन को दबाना बंद कर दीजिये।
अब चकली को हल्के हाँथो से उठाकर गर्म तेल की कढाई में डालिये और गहरा सुनहरा होने तक तलते रहिये। अब तली हुई चकली को पेपर टॉवल पर रखिये।
जब चकली को पूरी तरह से तलना हो जाये और चकली ठंडी होने पर उन्हें हवा बंद डिब्बे में रखिये।
टिप्स –
1. धीमी आँच पर चकली को ना तले। इससे चकली तेलयुक्त बनेंगी।
2. चावल के आटे में ज्यादा लस नही रहता है। चावल से बनी चकली को तलते समय ध्यान से तले क्योकि तलते समय इसमें टूटने का डर बना रहता है। इसीलिए तलते समय चकली को ध्यान से पलटे। और चकली को तेल में डालते समय भी ध्यान से डाले।
3. जब आप घोल में नामक डाल रहे होते हो तब मिश्रण को थोडा चख कर देखिये, के कही मिश्रण ज्यादा खारा तो नही हो गया। लेकिन यदि मामूली सा खारा लगे तो चावल का आता मिलाने पर इसका खारापन कम हो जायेंगा।
4. यदि आप लंबे समय तक टिकने वाली कुरकुरी चकली चाहते हो तो उन्हें गहरा सुनहरा होने तक तलते रहिये। जब चकली का रंग सफ़ेद रहता है तब अगर आप उन्हें तेल के बाहर निकालो तो वे कुछ समय तक तो कुरकुरीत रहेंगी लेकिन कुछ समय बाद वे मुलायम हो जायेंगी। लेकिन यदि चकली का रंग भूरा हो जाये तो आपको इसमें कड़वाहट भी लग सकती है।
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- 1 कप चावल का आटा
- 1 कप पानी
- ¼ कप बटर
- स्वादानुसार नामक (1 चुटकी)
- ½ चम्मच हरी मिर्च पेस्ट
- तलने के लिये तेल
एक गहरे बर्तन में चावल का आटा लीजिये।
अब एक छोटी कढाई लीजिये और उसमे पानी गर्म कीजिये। अब उसमे नमक, जीरा, मिर्च पेस्ट और बटर डालिये। अब पानी को अच्छी तरह से उबलने दीजिये। अब इस गर्म पानी को चावल के आटे पर डालिये और चम्मच की सहायता से मिक्स कीजिये। अब 20 मिनट तक मिश्रण को ढका रहने दीजिये।
जब मिश्रण थंडा हो जाये तब उसे गूँथ लीजिये।
अब चकली की मशीन को तेल से ग्रीस कीजिये। उसमे मिश्रण भरिये और कढाई में तलने के लिये पर्याप्त मात्रा में तेल डालकर चकली को गहरा तलिए। ध्यान रहे की आँच ना तो ज्यादा हो और ना ही कम हो।
अब एक छोटा प्लास्टिक पेपर लीजिये। पेपर पर चकली मशीन को दबाइए। दबाते-दबाते मशीन को हल्के हाथो से घुमाते रहिये और जब आपको एक गोलाकार आकार मिलने लगे तब मशीन को दबाना बंद कर दीजिये।
अब चकली को हल्के हाँथो से उठाकर गर्म तेल की कढाई में डालिये और गहरा सुनहरा होने तक तलते रहिये। अब तली हुई चकली को पेपर टॉवल पर रखिये।
जब चकली को पूरी तरह से तलना हो जाये और चकली ठंडी होने पर उन्हें हवा बंद डिब्बे में रखिये।
टिप्स –
1. धीमी आँच पर चकली को ना तले। इससे चकली तेलयुक्त बनेंगी।
2. चावल के आटे में ज्यादा लस नही रहता है। चावल से बनी चकली को तलते समय ध्यान से तले क्योकि तलते समय इसमें टूटने का डर बना रहता है। इसीलिए तलते समय चकली को ध्यान से पलटे। और चकली को तेल में डालते समय भी ध्यान से डाले।
3. जब आप घोल में नामक डाल रहे होते हो तब मिश्रण को थोडा चख कर देखिये, के कही मिश्रण ज्यादा खारा तो नही हो गया। लेकिन यदि मामूली सा खारा लगे तो चावल का आता मिलाने पर इसका खारापन कम हो जायेंगा।
4. यदि आप लंबे समय तक टिकने वाली कुरकुरी चकली चाहते हो तो उन्हें गहरा सुनहरा होने तक तलते रहिये। जब चकली का रंग सफ़ेद रहता है तब अगर आप उन्हें तेल के बाहर निकालो तो वे कुछ समय तक तो कुरकुरीत रहेंगी लेकिन कुछ समय बाद वे मुलायम हो जायेंगी। लेकिन यदि चकली का रंग भूरा हो जाये तो आपको इसमें कड़वाहट भी लग सकती है।
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