आचार्य चाणक्य जी ने बताया सिर्फ आग ही नहीं, ये भी जलाते हैं मनुष्य को !!


ये बात तो हम सभी को अच्छे से पता है कि आचार्य चाणक्य बहुत चतुर और बुद्धिमान आचार्य थे, जिन्होंने समाज में भलाई फैलाने के लिए अपने ज्ञान को अपने तक सीमित न रखकर दुनियाभर के ज्यादातर लोगों तक पहुंचाया था. आज के समय में भी आचार्य चाणक्य के द्वारा लोगों को दिया गया ज्ञान अपनाया जा रहा है. आचार्य चाणक्य की बहुत सी किताबों में मनुष्य की भलाई और कल्याण को लेकर बहुत सी बातें लिखी गयी हैं.


आज हम आपको आचार्य चाणक्य के कुछ ऐसे विचारों से अवगत करवाने जा रहे हैं, जिनका अगर आप अपने जीवन में सही तरह से इस्तेमाल करते हैं, तो आप आपके जीवन में आने वाली बड़ी से बड़ी समस्या का हंसकर सामना कर पायेंगे. ये बात तो सभी को पता है की आचार्य चाणक्य का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था, लेकिन अपने दिमाग और नीतियों की वजह से उन्होंने नन्द वंश का खात्मा करके चन्द्रगुप्त मौर्य को राज गद्दी पर बैठा दिया था. तो चालिए आज हम आपको आचार्य चाणक्य के कुछ ऐसे ही सुविचारों से अवगत करवाते हैं, जिनमें बताया गया है की मनुष्य आग के अलावा किन और चीजों से खुद को जलाता है.

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1. आचार्य चाणक्य ने कहा था कि आग के अलावा ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जो मनुष्यों को आग की तरह जलाती हैं. स्त्री का वियोग, दिल के सबसे करीब लोगों से इज्जत न मिलना, युद्ध करने के बाद बचा हुआ दुश्मन, मजबूरी में मूर्ख लोगों के बीच में बैठना.

2. आचार्य चाणक्य ने बताया था की अगर दुर्जन इंसान और सांप में तुलना की जाए, तो दुर्जन इंसान के मुकाबले सांप ज्यादा बेहतर होगा, क्योंकि सांप तो सिर्फ इंसान के काल आने पर ही उनको काटता हैं, लेकिन दुर्जन मनुष्य तो पग-पग पर.

3. आचार्य चाणक्य ये बात बहुत बार कही है कि किसी चीज का आपके पास हद से ज्यादा होना भी ठीक नहीं है, क्योंकि इस वजह से ही रावण का अंत हुआ था और हद से ज्यादा सुंदर होने की वजह से ही सीता माता का अपहरण.

4. आचार्य चाणक्य की मानें तो आलस करने से हमारी विद्या खत्म हो जाती हैं, दूसरों के हाथों में जाने से पैसे निरर्थक हो जाते हैं और बीजों की कमी होने से खेत पूरी तरह से फलते-फूलते नहीं हैं.

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