मकर संक्रांति पर इस मंत्र को जप लिया तो होगी हर मनोकामना पूरी !


हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार होता है मकर संक्रांति. ये त्यौहार हर साल 14 जनवरी को ही मनाया जाता है. जब सूर्य उत्तरायन होकर धनु राशि से मकर पर पहुंचते हैं तो उस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है. सूर्य के परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं और ये परिवर्तन साल में एक बार आता है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर उबटन आदि लगाकर जल में तीर्थ के जल को मिलाकर स्नान करते हैं.


सूर्य की पूजा का महत्व 

हम आपको बता दें कि मकर संक्रांति का त्यौहार सूर्य देव के उत्तरायण होने पर पूरे देश में मनाया जाता है. इतना ही नहीं इस दिन सूर्य भगवान को की विशेष रूप से पूजा करी जाती है और इस त्यौहार को तमिलनाडु में पोंगल के नाम से भी मनाया जाता है.

स्नान का महत्व 

इस दिन पर ख़ास तौर से पुण्यकाल में किसी भी तीर्थ स्थान या नदी में जाकर स्नान करना चाहिए, अगर आप तीर्थ स्थान पर ना जा सकें तो घर पर ही तिल का उबटन लगाकर स्नान कर सकते हैं.

यह भी पढ़े - इस बार मकर संक्रांति के अवसर पर सभी राशि वाले करें ये ख़ास उपाय, बन रहा है महा संयोग 70 सालों तक फिर नहीं आएगी ऐसी संक्रांति

दान का महत्व 

हम आपको बता दें कि मकर संक्रांति से ही शुभ दिन शुरू हो जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन दिया हुआ दान विशेष फलदायी माना जाता है. इस दिन आप तिल के लड्डू, मिठाई, फल, कच्ची खिचड़ी गर्म कपड़े का दान जरुरत मंद गरीबों व ब्राह्मण को करना चाहिए.

मनोकामना पूर्ती का मन्त्र 

हम आपको बता दें कि मकर संक्रांति के दिन सुबह-सुबह स्नान करके सूर्य देव को अर्घ्य दें. उसके बाद जल में कुमकुम, चावल, तिल, लाल रंग के फूलों इन सब को मिलाकर अर्ध्य देते हुए  इस मंत्र का जाप करें- ऊं घृणि सूर्याय नम:.इससे आपकी मनोकामना पूरी होगी.

एक टिप्पणी भेजें