आज 12 जनवरी की रात करें बस ये एक काम , जीवन भर नहीं रहेगी धन-दौलत की कमी !! मौका न गवाएं …


हमारे सनातन धर्म में एकादशी व्रत का अत्यधिक महत्व है और आमतौर पर सभी एकादशियों पर भगवान विष्णु का विधि-विधान से पूजा पाठ करने का विधान है  लेकिन माघ माह के कृष्ण पक्ष की षटतिला एकादशी का अपना ही एक महत्व है और ये एकादशी 12 जनवरी को मनाई जाएगी और इसीलिए आज 12 जनवरी  की रात देवी लक्ष्मी के स्वामी भगवान विष्णु का पूजन करने से देवी लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर सदैव बनी रहती है और इसके साथ ही 12 जनवरी को भगवान विष्णु की प्रिय एकादशी तिथि और देवी लक्ष्मी को समर्पित शुक्रवार का शुभ संयोग बन रहा है। वैसे तो समस्त एकादशियों पर भगवान विष्णु का विधि-विधान से पूजन करने का विधान है मगर आज किया गया पूजन देगा दोगुणा लाभ मिलेगा । देवी लक्ष्मी के स्वामी भगवान विष्णु का पूजन करने से देवी लक्ष्मी की कृपा अपने आप ही मिल जाती है।


षटतिला एकादशी जो की  माघ एकादशी व्रत  के नाम से भी जनि जाती है इस एकादशी की पूजा में तिल का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है इसीलिए इस एकादशी का नाम षटतिला एकादशी है | जैसा की हम सभी जानते हैं की आमतौर पर भगवान विष्णु को पंजरी का भोग लगाया जाता है लेकिन माघ एकादशी पर तिल का प्रसाद बनाकर भोग लगाया जाता है. षटतिला एकादशी व्रत करने से परिवार में शारीरिक शुद्धि और आरोग्यता प्राप्त होती है, वहीं अन्न, तिल आदि दान करने से धन-धान्य में भी वृद्धि होती है. इस दिन पारण का विशेष महत्व होता है. पारण देकर ही ये व्रत पूरा होता है.इस दिन तिल का इस्तेमाल स्नान, प्रसाद, भोजन, दान, तर्पण आदि सभी चीजों में किया जाता है। तिल के कई प्रकार के उपयोग के कारण ही इस दिन को षटतिला एकादशी कहते हैं। षटतिला एकादशी के शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार हैं

षटतिला एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि शुरू- 11 जनवरी 2018 को 07.10 बजे से शुरू
एकादशी तिथि समाप्त-12 जनवरी 2018 शुक्रवार को 09.22 बजे तक

षटतिला एकादशी पारण का समय
एकादशी के अगले दिन 13 जनवरी को पारण काल- 07.19 से 09.23
पारण के दिन द्वादश तिथि का समापन – 23.52

आज हम आपको षटतिला एकादशी  की रात के लिए एक उपाय बताने जा रहे हैं जिसे अगर आप आज की रात कर लेते हैं तो आपको संपूर्ण जीवन में कभी भी धन से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा

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एकादशी की रात को सोने से पूर्व किसी चौराहे पर जाके तेल का दीपक जलाएं। दीपक जलाने के बाद पीछे मुड़कर न देखें और अपने घर को लौट आएं। ऐसा करने से धन से संबंधित सभी समस्याओं का हल हो जाएग। आपके घर में  लक्ष्मी वास करेंगी और जीवन भर धन-दौलत की कोई कमी नहीं रहेगी। यदि आप चाहे तो एकादशी पर व्रत भी रख सकते हैं। व्रत करने पर अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु के साथ ही महालक्ष्मी की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है।

दूसरा उपाय ये है की यदि आप दीपक जलने वाला उपाय नहीं कर  पा रहे हैं तो पीपल के पेड़ को शास्त्रों में अश्वत्थ कहा गया है और इसे श्री हरि विष्णु का स्वरूप माना जाता है। जब पिप्पलाद मुनि ने पीपल के पेड़ के नीचे तपस्या करके शनि देव को प्रसन्न किया तभी से  इस पेड़ का नाम पीपल पड़ा। शुक्रवार शाम पीपल के पेड़ पर तिल के तेल का दीपक जलाएं और ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का पेड़ के नीचे ही बैठ कर 108 बार जाप करें।गरीबों को तिल का दान करें |

षटतिला एकादशी पर पीपल के पेड़ की पूजा करने से पति की उम्र लम्बी होती है और उन पर आने वाले  सभी कष्ट भी  टलते हैं। कोर्ट कचहरी और मुकदमें  जैसी परेशानी में भी  विजय प्राप्त होती है, धन से संबंधित परेशानियों से भी मुक्ति  मिलती है  और साथ ही  व्यावसायिक परेशानियों से भी  छुटकारा मिलता है।

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