कभी भूल से भी न रखें अपने बच्‍चों का ये नाम, पूरी जिंदगी झेलनी पड़ेगी परेशानियां


दुनिया में हर व्‍यक्ति जब जन्‍म लेता है तो उसे एक नाम मिलता है ये नाम उस बच्‍चे के जन्‍म लेते ही उसके घर वाले रखते हैं। नाम किसी भी इंसान की पहचान होती है, जब एक शिशु का नाम रखा जाता है तो उसके साथ कई उमीदें भी जुड़ जाती है की आगे चलकर वह अपना और अपने परिवार का नाम रौशन करेगा और अपनी एक अलग पहचान बनाएगा पर क्या आपको ये पता है कि नाम का प्रभाव इंसान पर पड़ता है इसलिए किसी भी बच्‍चे का नाम सुनने के लिए बहुत सी बातों का ध्यान में रखा जाता है।

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अगर आपने ध्‍यान दिया होगा तो देखा होगा कि कभी किसी भी बच्‍चे का नाम अर्जुन, कर्ण, अभिमन्यु, सीता और सुरभि जैसे कोई भी नाम नहीं रखना चाहते। हमारे पुराणों व शास्‍त्रों में कई ऐसे चरित्र हैं, जो प्रसिद्ध व साहसी भी हैं लेकिन उसके बावजूद कोई भी पैरेन्‍टस अपने बच्चों का नाम वैसा नहीं रखते हैं। तो आइये जानते हैं कुछ ऐसे ही नामों के बारे में।

विभीषण
रामायण का मशहूर पात्र रह चुके हैं विभीषण। विभीषण का अर्थ होता है जिसे कभी क्रोध ना आता हो लेकिन इतना अच्‍छा अर्थ होने के बाद भी लोग कभी भी अपने बच्‍चों का ये नाम नहीं रखते। इसके पीछे का कारण ये है कि इन्होने ही अपने भाई रावण के मौत का रहस्य भगवान श्रीराम को बताया था, और कहा जाता है कि इसी वजह से रावण की मृत्यु हो गई थी और साथ ही विभीषण को घर का भेदी कहा जाता है।

द्रौपदी
द्रौपदी महाभारत के सबसे प्रसिद्ध पात्रों में से एक है। इस महाकाव्य के अनुसार द्रौपदी पांचाल देश के राजा द्रुपद की पुत्री है जो बाद में पांचों पाण्डवों की पत्नी बनी। द्रौपदी पंच-कन्याओं में से एक हैं जिन्हें चिर-कुमारी कहा जाता है। इसी वजह से कभी भी लोग द्रौपदी का नाम रखने से कतराते हैं।

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मंदोदरी
मंदोदरी रामायण के पात्र, पंच-कन्याओं में से एक हैं जिन्हें चिर-कुमारी कहा गया है। मंदोदरी मयदानव की पुत्री थी। उसका विवाह लंकापति रावण के साथ हुआ था। वैसे तो मंदोदरी बेहद दयालु और अच्छे गुणों वाली स्त्री थी लेकिन उसके बाद भी कोई भी माता-पिता अपनी बेटी का नाम मंदोदरी नहीं रखते। मंदोदरी का रावण की पत्नी होना व रावण का माता सीता का हरण करने के वजह से कोई भी माता-पिता अपनी बेटी का नाम इस गुणी और दयालु महिला के नाम पर नहीं रखता है।

सुग्रीव
सुग्रीव रामायण का एक प्रमुख पात्र है। वह वालि का अनुज है। हनुमान के कारण राम से उसकी मित्रता हुयी। वाल्मीकि रामायण में किष्किन्धाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड तथा युद्धकाण्ड में सुग्रीव का वर्णन वानरराज के रूप में किया गया है। सुग्रीव ने राज्य अपने बड़े भाई बालि से युद्ध करके और भगवान श्रीराम द्वारा उनकी मृत्यु करवा कर हासिल किया था। इस वजह से लोग इनके बहादुर योद्धा के बाद भी अपने बच्‍चों का नाम सुग्रीव नहीं रखते।
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अश्वत्थामा
महाभारत के महत्‍वपूर्ण पात्रों में से एक है अश्वत्थामा जो कि बेहद साहसी और बहादुर योद्धा था, लेकिन उन्होने जीवन भर बुरे कर्म किये, जिसकी वजह से भगवान कृष्ण ने उन्हें सदियों तक पीड़ा झेलने का श्राप दे दिया था यही वजह है कि कोई भी माता-पिता अपने बच्चे का नाम अश्वत्थामा के नाम पर नहीं रखता।


गांधारी
गांधारी महाभारत की एक पात्र हैं। वो महाराज धृतराष्ट्र की पत्नी थी और प्रमुख खलनायक दुर्योधन की माँ थीं। गांधारी भी महान और गुणी महिला थी, लेकिन कुरु वंश में विवाह होने की वजह से उन्हें दुखों का सामना करना पड़ा। गांधारी दुर्योधन की मां थी उसके जीवित रहते ही उनके सभी पुत्रों की मौत हो गई थी इस वजह से कोई भी माता-पिता अपनी बेटी का नाम गांधारी नहीं रखते हैं।

दुर्योधन
दुर्योधन एक महान और वीर योद्धा था, लेकिन लालच की वजह से उन्होने अपने पूरे वंश का नाश कर दिया। इसी वजह से लोग अपने बेटे का नाम दुर्योधन नहीं रखते हैं, इसके पीछे वजह ये है कि जिसकी वजह से पूरा महाभारत हुआ। अगर उन्होने थोड़ा सा ह्दय बड़ा किया होता तो महाभारत की नौबत ही नहीं आती, लेकिन लालच ने उन्हें ले डूबा।

कैकेयी
कैकेयी एक राज परिवार से ताल्लुक रखती थी, वो राजा दरशथ की प्रिय रानी थी, लेकिन एक नौकरानी के कहने पर उन्होने अपने परिवार में भेद-भाव किया और दशरथ के दुखों का कारण बनीं। इसी वजह से लोग अपनी बच्ची का नाम कैकेयी नहीं रखते हैं। राम के वनवास के पीछे कैकेयी ही थी, उनकी वजह से ही एक राजकुमार को 14 साल तक वनवास काटना पड़ा।

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