अगर आप RO का पानी पीते हें तो अवशय पढ़ें व सभी को बताए !


वास्तव में हम आर.ओ. को शुद्ध पानी मान सकते हैं,

जवाब है बिल्कुल नहीं…!!

और यह जवाब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से दिया गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि इसके लगातार सेवन से हृदय संबंधी विकार, थकान, कमजोरी, मांसपेशियों में ऐंठन, सर दर्द आदि दुष्प्रभाव पाए गए हैं।

यह कई शोधों के बाद पता चला है कि इसकी वजह से कैल्शियम, मैग्नीशियम पानी से पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं जो कि शारीरिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।

वैज्ञानिकों के अनुसार मानव शरीर 500 टी.डी.एस. तक सहन करने की छमता रखता है, परंतु R.O. में 18 से 25 टी.डी.एस. तक पानी की शुद्धता होती है जो कि नुकसानदायक है।

इसके विकल्प में क्लोरीन को रखा जा सकता है जिसमें लागत भी कम होती है एवं आवश्यक तत्व भी सुरक्षित रहते हैं जिससे मानव शारीरिक विकास अवरूद्ध नहीं होता।

जहां एक तरफ एशिया और यूरोप के कई देश R.O. पर प्रतिबंध लगा चुके हैं वहीं भारत में R.O. की मांग लगातार बढ़ती जा रही है और कई विदेशी कंपनियों ने यहां पर अपना बड़ा बाजार बना लिया है।

आजकल जो इतनी बीमारियाँ बढ़ रही हें इसका एक प्रमुख कारण आजकल सभी का RO इस्तेमाल करना हो सकता हें
अब फैसला आपका क्योंकि जीवन आपका।

4 टिप्पणियां

  1. इसलिए मैं कभी नहीं पीती RO का पानी !
    बहुत बढ़िया आर्टिकल
    1. jyoti ji pure water pijiye ro ka, apki khubsurari ke liye :P
  2. aajkal pure water to milta nhi, ab aap ro me bhi kamiyan nikal rahe ho