कामशास्त्र के अनुसार आपकी पत्नी में है ये लक्षण तो आप है सौभाग्यशाली !


यूँ तो एक स्त्री में यानि एक महिला में बहुत से गुण ऐसे होते है, जिनका कोई मुकाबला नहीं कर सकता. जी हां स्त्री के गुणों को मापना उतना ही मुश्किल है, जितना पानी की गहराई को मापना है. फिर भी कामशास्त्र में स्त्री के उन लक्षणों के बारे में बताया गया है, जो यदि किसी स्त्री में मौजूद हो तो उसे सर्वगुण सम्पन्न माना जाता है और यदि ऐसी स्त्री आपकी पत्नी बन जाए यानि आपकी जीवनसाथी बन जाए तो आप दुनिया के सबसे सौभाग्यशाली व्यक्तियों में से एक माने जायेंगे. तो चलिए आपको बताते है, कि कामशास्त्र के अनुसार पत्नी के ऐसे कौन से लक्षण है, जो आपको सौभाग्यशाली व्यक्ति बनाते है.

१. पति को प्यार करने वाली.. बता दे कि स्त्री न केवल अपने पति से प्यार करने वाली होनी चाहिए, बल्कि उसमे पाक कला का गुण भी होना चाहिए. जी हां पाक कला से हमारा मतलब अच्छा खाना बनाने वाली होनी चाहिए. वो इसलिए क्यूकि जो स्त्री भूखे और बेसहारा लोगो को खाना खिलाती है, वही वास्तव में उत्तम कहलाती है.

२. विवाह करने योग्य.. कामशास्त्र के अनुसार स्त्री को कोमलता का स्वरूप माना जाता है. मगर जो स्त्री जरूरत पड़ने पर अपनी कठोरता दिखाती है, दृढ होकर अपने पति का साथ देने की योग्यता रखती है, बुरे वक्त में उसका सहारा बनती है और अपने प्रेम भरे स्वभाव से परिवार का हर दुःख दूर कर देती है वही स्त्री विवाह के योग्य मानी जाती है.

३. प्रेम जताने वाली स्त्री.. गौरतलब है, कि अपनी मर्यादाएं लांघे बिना प्रेम जताने वाली स्त्री और सम्भोग के दौरान अपने पति का साथ देने वाली स्त्री ही एक अच्छी पत्नी कहलाती है.

४. सुरक्षात्मक व्यव्हार.. कामशास्त्र के अनुसार जो स्त्री अपने भाई बहनो के साथ अच्छा व्यव्हार करती है, अपने बच्चो को अच्छी परवरिश देती है और अपने सभी संबंधो को लेकर सुरक्षात्मक व्यव्हार रखती है, वही उत्तम स्त्री कहलाती है.

५. परिवार का ध्यान.. जो स्त्री पूरे प्रेम भाव से अपने पति का साथ दे, उसे सलाह दे और उसके परिवार का ध्यान रखे. वह स्त्री परिवार के लिए सुख और समृद्धि बन कर आती है.

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६. सौभाग्यशाली स्त्री.. इसके इलावा जो स्त्री आर्थिक रूप से परिवार को सहयोग देती है और बचत करने की योग्यता रखती है, उसे लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. इसके साथ ही जिसकी आवाज देवी सरस्वती जितनी मीठी हो और जो पूरी तरह खुद को अपने पति के लिए समर्पित कर दे, वही एक सौभाग्यशाली स्त्री कहलाती है.

७. धार्मिक स्त्री.. जो स्त्री अपनी संस्कृति और परम्पराओ का पूरी निष्ठा के साथ पालन करती हो, वही परिवार के लिए शुभ कहलाती है. बता दे कि ऐसी पत्नी अपने पति के लिए सौभाग्य के द्वार खोलती है. इसके इलावा सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाने वाली स्त्री को उत्तम माना जाता है.

८. अच्छा बर्ताव.. गौरतलब है, कि विवाह करने के लिए स्त्री में एक गुण का होना बेहद आवश्यक है और वो ये कि उसे अपने से नीचे और ऊँचे दोनों ही तरह के लोगो का सम्मान करना आना चाहिए. जी हां जो स्त्री दूसरो का सम्मान करना नहीं जानती वो कभी अपने पति और परिवार को खुश नहीं रख सकती.

९. दुनियादारी का ज्ञान होना.. यदि कोई स्त्री बाहर जाकर काम न भी करती हो, फिर भी उसे दुनियादारी का ज्ञान होना जरुरी है, ताकि वो अपने परिवार और खुद को सही तरीके से दुनिया के तौर तरीको में ढाल सके.

१०. नीचे ओहदे.. अब भले ही आज कल के लोग ओहदे को ज्यादा अहमियत न देते हो, पर फिर भी कामशास्त्र के अनुसार पुरुष को ऐसी स्त्री से कभी विवाह नहीं करना चाहिए, जो उससे नीचे की जाति की हो.

जी हां ऐसे में आपको उस लड़की से विवाह करना चाहिए, जिसके परिवार की समाज में कोई पहचान हो और मान सम्मान हो.

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