रात को सोते समय हर पति-पत्नी को ध्यान में रखनी चाहिए ये बातें


वास्तुशास्त्र व्यक्ति के जीवन में काफी अहमियत रखता है। इसमें व्यक्ति की दिनचर्या और उसकी सभी गतिविधियों जैसे जागना सोना,उठना,बैठना, नहाना, खाना आदि के कुछ वास्तु नियम होते है। इसी तरह वास्तु शास्त्र में व्यक्ति के सुबह जागने और रात को सोने के दौरान भी कुछ नियम होते है। ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक कार्य को करने का एक तय समय है। जैसे दिन में सभी आवश्यक कार्य किए जा सकते हैं वहीं रात में भी कुछ कार्यों का करना बिलकुल मना किया गया है,इसमें अपनी पत्नी के साथ संभोग करना भी शामिल है। यहाँ जानते हैं कि रात को कौन- कोनसे कार्य नहीं करने चाहिए जिसके करने से दुर्भाग्य आता है।


रात को सोते समय हर पति-पत्नी को ध्यान में रखनी चाहिए ये बातें

# परफ्यूम या इत्र लगाकर न सोएं :
कई लोग रात को सोते समय परफ्यूम या इत्र लगाकर सोते हैं। ज्योतिष के अनुसार किसी भी प्रकार की तेज खुशबू भूतिया शक्तियों को आकर्षित करती हैं। अतः रात को सोने से पहले अपने हाथ-पांव तथा चेहरा अच्छे से धोकर और ईश्वर का ध्यान करना चाहिए। ऐसा करने से रात को बुरे स्वप्न नहीं आते और बुरी शक्तियां भी दूर रहती हैं।

# इलेक्ट्रॉनिक आइटम : सोते टाइम अपने बेड के नीचे कोई भी इलेक्ट्रिनक उपकरण नही रखना चाहिए। क्योंकि इससे आपको पेट से संबंधी समस्या का सामना नही करना पडेगा। अक्सर लोग सोते समय अपने सिर के नीचे घड़ी रख कर सोते हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार सिर के नीचे या बेड के पीछे घड़ी रखने से आप हमेशा तनाव में रहेंगे। घड़ी को बिस्तर के दाई या बाई ओर रखनी चाहिए इससे शुभ फल मिलते हैं।

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# कभी भी खुले बाल करके नहीं सोना चाहिए : रात में किसी भी लड़की को बालों को खुला रखकर बिलकुल नहीं सोना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि जब रात में खुले बाल सोते है तो वहां बुरी शक्तियां आकर्षित होती हैं। अतः रात को महिलाएं ही नहीं छोटी रखने वाले बच्चे और पुरुष भी अपने बाल को बांध ले।

# स्त्री और पुरुष आधी रात के बाद तक ही करें संभोग : ज्योतिष के मुताबिक रात 12 बजे के बाद अगला दिन शुरु हो जाता है और ब्रह्ममुहूर्त से ठीक पहले वाला समय प्रारम्भ हो जाता है। अतः ऐसे समय में व्यक्ति के अंदर मानसिक तथा आध्यात्मिक शक्तियां चेतन हो जाती हैं। अतः मध्यरात्रि के एक प्रहर के बाद से ही ब्रहम मुहूर्त प्रारम्भ हो जाता है।

# श्मशान घाट व कब्रिस्तान,मजार तथा चौराहों पर नहीं जाना चाहिए : शास्त्रो में विष्णु पुराण में बताया गया है कि रात के समय में 12 बजे से 2 बजे तक भूलकर भी श्मशान के आस-पास बिलकुल भी नहीं जाना चाहिए। श्मशान घाट व कब्रिस्तान में रात के उस समय में वहां की मृत आत्माएं जग जाती हैं और विचरण करती है। इतना ही नहीं मृत व्यक्तियों के परिवार और संबंधियों द्वारा अंतिम संस्कार के समय रोने-बिलखने के कारन भी इन स्थानों पर नकारात्मक ऊर्जा बहुत ज्यादा होती है जो रात में अपने नियत समय पर आसानी से किसी को भी अपने वशीभूत कर सकती है।

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