दूध यदि उबलकर बर्तन से बाहर गिर जाए तो समझ जाओ कि मिलने वाला हैं…


प्राचीन समय से हमारे धर्म में शकुन और अपशकुन की घटनाओ को माना जाता रहा हैं. ऐसा कहा जाता हैं कि इन शकुन और अपशकुन के आधार पर हम भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में पता लगा सकते हैं. ज्योतिष शास्त्र भी इन घटनाओ का पक्ष लेता हैं. इसके अनुसार यह घटनाए किसी व्यक्ति को होने वाले फायदे, नुकसान, सफलता और असफलता के बारे में बता सकती हैं. यहीं कारण हैं कि हम छिक आना, बिल्ली का रास्ता काट जाना जैसी बातो पर विशवास रखते हैं.

ज्योतिश शास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता हैं कि घर में हुई कुछ अनचाही चीजे भी हमें किसी ना किसी बात का संकेत देती रहती हैं. मसलन हाथ से किसी बर्तन का छूटना, कांच का टूटना या फिर दूध का उबलकर बर्तन के बाहर गिरना. इन सभी चीजो का अपना एक संकेत होता हैं. आज हम आपको दूध का उबलकर बर्तन से बाहर गिरने का अर्थ समझाएंगे.

दूध का गिरना देता हैं ये संकेत
अक्सर हम गैस पर दूध उबालने के लिए रख देते हैं. लेकिन कई बार सही समय पर गैस बंद ना करने के कारण दूध उबलकर गैस के चूल्हे या फर्श पर गिर जाता हैं. कई लोग इसे एक मामूली सी बात मान नजर अंदाज कर देते हैं. वहीँ कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कंफ्यूज हो जाते हैं कि दूध के इस तरह गिरने का क्या अर्थ निकला जाए.

ठंडा दूध का बर्तन से गिरना होता हैं अपशकुन

आपको बता दे कि हमारे ज्योतिष शास्त्र में दूध के गिरने को काफी महत्त्व दिया गया हैं. कुछ लोगो के मन में यह भ्रान्ति होती हैं कि उबलते हुए दूध का गिरना अपशकुन होता हैं. लेकिन हम आपकी दुविधा को दूर करते हुए बता दे कि दूध का गिरना तभी अपशकुन माना जाता हैं जब ठंडा दूध किसी ग्लास या बर्तन से गिर जाता हैं. उदाहरण के लिए आपकी लात दूध के बर्तन को लग गई या आपके हाथ से दूध का बर्तन छूट कर गिर जाए तो यह अपशकुन होता हैं.

उबलता दूध बर्तन से बाहर आना होता हैं शकुन की निशानी

लेकिन उबलते दूध का बर्तन से बाहर निकलना एक बड़ा शकून माना जाता हैं. ज्योतिष शास्त्र कहता हैं कि यदि दूध उबलकर बर्तन से बाहर गिर जाए तो समझ जाओ कि आपको कोई अच्छा समाचार मिलने वाला हैं. इस स्थिति में दूध को जलना नहीं चाहिए और उबालकर बर्तन से बाहर निकलना चाहिए. इस बात का भी ध्यान रहे यह शकुन तभी माना जाता हैं जब हम दूध गर्म करते समय उसकी पूरी केयर करते हैं और अनजाने में ये बर्तन से बाहर आ जाता हैं. जान बुझकर दूध उबाल कर गिरना शकुन की गिनती में नहीं आता हैं.

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