कहीं पैकेट वाले दूध को गर्म करने की गलती आप भी तो नहीं कर रहे ?



आजकल ज्यादातर लोग पैकेट वाले दूध का इस्तेमाल करते हैं जो पहले से पॉइश्चराइज्ड होता है। यानि कि इस दूध को पहले ही अधिक तापमान पर गर्म कर फिर ठंडा किया जा चुका होता है। इस प्रक्रिया को पॉइश्चराइजेशन कहते हैं। इससे दूध को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है और साथ ही इसके हानिकारक बैक्टीरिया भी मर जाते हैं।

खुला हुआ दूध इस्तेमाल करने में कई सावधानियां बरतनी पड़ती हैं, जैसे दूध छानना, उसे अच्छी तरह उबालना आदि। लोकल मार्केट से खुला दूध खरीदने पर दूध को अधिक तापमान पर उबालकर ठंडा करने की आवश्यकता पड़ती है वरना वह कुछ ही घंटों में खराब हो जाता है। लेकिन आदतन यही प्रक्रिया लोग पैकेट वाले दूध यानि कि पॉइश्चराइज्ड मिल्क के साथ भी करते हैं।

पैकेट वाले दूध को गर्म करना सही है या नहीं यह सवाल कई लोगों के मन में उभरता है।

कई लोगों को यह गलतफहमी रहती है कि दूध को प्लास्टिक के पैकेट में पैक किया जाता है, इसलिए इसे सीधे तौर पर इस्तेमाल करना या पीना सेहत को नुकसान पहुंचाएगा। कई लोग दूध को इसलिए गर्म करते हैं ताकि यह ज्यादा देर तक ठीक रहे। लेकिन आपको बता दें कि अगर आप भी ऐसा करते हैं तो ऐसा करना गलत है। आपके मन में यह सवाल आना लाजिमी है कि आखिर क्यों पॉइश्चराइज्ड मिल्क को गर्म नहीं करना चाहिए?

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क्यों गर्म ना करें पॉइश्चराइज्ड मिल्क को?

फूड सेफ्टी हेल्पलाइन के संस्थापक डॉ सौरभ अरोड़ा कहते हैं कि पॉइश्चराइज्ड मिल्क को गर्म करने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती। दूध कंपनी पैकिंग से पहले ही दूध को अच्छी तरह पॉइश्चराइज करके इसे कीटाणुमुक्त और संरक्षित बना लेती है। अगर आप इसको दोबारा से गर्म करते हैं तो इससे इसमें मौजूद पोषक तत्व या तो कम हो जाते हैं या नष्ट हो जाते हैं।

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इसलिए पैकेट वाले दूध की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए इसे घर पर बार-बार गर्म करने की आवश्यकता नहीं है। आप इस दूध को 4 डिग्री तापमान पर सात दिनों तक आसानी से ठीक रख सकते हैं। आपने ध्यान दिया होगा कि दूध के पैक पर एक्सपायरी डेट लिखी होती है। उससे पहले दूध के खराब होने की संभावना कम ही होती है।

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