नहीं होना चाहते गरीब, Follow करें ये छोटे-छोटे Vastu Tips


वास्तु शास्त्र तोड़-फोड़ का शास्त्र नहीं है। पूर्व निर्मित प्रवेश द्वार को वास्तु समस्त बनाने के लिए या उससे जुड़े नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए वास्तु में अनेक उपायों की व्यवस्था भी है। वास्तु यंत्र, रत्न, वैदिक वास्तु पूजा द्वारा भी इन दोषों से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। किसी भी कुशल वास्तु विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में इन उपायों को अपना कर प्रवेश द्वार को खुशियों का द्वार बनाया जा सकता है। गरीब नहीं होना चाहते तो इन छोटे-छोटे वास्तु नियमों का अनुसरण करें।

द्वार के ठीक सामने एक आदमकद दर्पण इस प्रकार लगाएं जिससे घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति का पूरा प्रतिबिंब दर्पण में बने। इससे घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति के साथ घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक ऊर्जा पलटकर वापस चली जाती है। द्वार के ठीक सामने आशीर्वाद मुद्रा में हनुमान जी की मूर्ति अथवा तस्वीरें लगाने से भी दक्षिण दिशा की ओर मुख्य द्वार का वास्तुदोष दूर होता है। मुख्य द्वार के ऊपर पंचधातु का पिरामिड लगवाने से भी वास्तुदोष समाप्त होता।

घर में मकड़ी का जाल हो तो तुरंत साफ करें, अन्यथा राहू के दुष्प्रभाव में वृद्धि होती है।

मुख्य द्वार में वास्तु दोष होने पर घर के द्वार पर घंटियों की झालर लगाएं, जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होगा।

मुख्य प्रवेश द्वार के दोनों तरफ (अगल बगल) व ऊपर रोली, कुमकुम, हल्दी, केसर आदि घोलकर स्वास्तिक व ओमकार का शुभ चिन्ह बनाएं।

घर में हो रही सीलन तुरंत ठीक करवा लें। यह घर की आर्थिक स्थिति पर असर डालती है। इसे ठीक करवाने से आर्थिक समृद्धि मिलेगी।

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