चमकानी हो अपनी किस्मत तो आप भी इस उंगली में पहन लें एक चांदी की अंगूठी


कहा जाता है की चांदी भगवान शिव के नेत्रों से उत्पन्न हुआ था इसीलिए चांदी को एक पवित्र और सात्विक धातु माना जाता है और जहां चांदी होता है वहां वैभव और संपन्नता की कोई कमी नहीं होती है। चांदी ज्योतिष में चंद्रमा और शुक्र से चांदी का संबंध है। ज्योतिष में माना गया है कि अगर चांदी की चीजें पहनी जाएं तो कुंडली में चंद्रमा और शुक्र मजबूत स्थिति में आते हैं।


वैसे तो आमतौर पर हम अपने उँगलियों में चांदी की अंगूठी धारण करते है अपने हाथो की साज सज्जा के लिए लेकिन यदि इसे शास्त्रों के अनुसार सही तरह से धारण किया जाये तो ये आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि चांदी की अंगूठी किस तरह से आपके लिए फायदेमंद हो सकती है और इसे किस तरह से धारण करना चाहिए।

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चांदी की अंगूठी आप जब भी धारण करे ध्यान रखे की इसे अपने दाहिने हाथ की कनिष्ठा उंगली में ही पहने क्योंकि अगर आप इस अंगुली में चांदी के अंगूठी धारण करते हैं, तो इससे आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है, जिससे आपके इज्जत भी समाज के अंदर ऊंची होती है और साथ ही इसे पहनने से शुक्र ग्रह और चंद्रमा शुभ परिणाम देते हैं जिसके कारण खूबसूरती में और निखार आता है।

आपको बता दे की चांदी की अंगूठी पहनने से कई सारे फायदे होते है जिनके बारे में हम आपको बता रहे है। कनिष्ठा उंगली में चांदी की अंगूठी पहनने से मस्तिष्क शांत रहता है और अगर आपको बात-बात पर बहुत ज्यादा गुस्सा आता है तो यह उसे भी नियंत्रित करती है। कमजोर चंद्रमा सबसे पहले व्यक्ति की मानसिक क्षमता को कम करता है ऐसे में चांदी की यह अभिमंत्रित अंगूठी चंद्रमा को मजबूत करके आपकी मानसिक क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करती है।

अगर आपको कफ, ऑर्थराइटिस, जोड़ो या हड्डियों से जुड़ी कोई भी समस्या है तो चांदी की अंगूठी आपको काफी हद तक फायदा पहुंचा सकती है। चांदी के धातु का इस्तेमाल हमे अपने जीवन में किसी ना किसी रुप अवश्य करना चाहिए क्योंकि चांदी की अंगूठी या चांदी शरीर पर धारण करने के अलावा चांदी से बने बर्तनों में खाने पीने से भी सर्दी-खांसी और साइनस जैसी समस्या दूर होती है।

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