हर तरह की छोटी-बड़ी शारीरिक परेशानियों को हमेशा के लिए दूर कर देते हैं ये मसाले, ऐसे करें इस्तेमाल


भारत में मसालों का इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जाता है। किसी भी खाने को लजीज बनाने में मसाले की अहम भूमिका होती है। बिना मसाले के किसी भी खाने को स्वादिष्ट बना पाना मुश्किल होता है। सेहत की दृष्टि से भी मसाले महत्वपूर्ण होते हैं। सर्दी के दिनों में मसाले की माँग बढ़ जाती है। गर्म मसालों में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो ठंढ को दूर करने का काम करते हैं। कुछ मसाले तो ऐसे भी हैं जो कई गंभीर बिमारियों का इलाज जड़ से कर देते हैं। मसाले आपको फीट रखकर लम्बी उम्र देते हैं। आइये जानते हैं मसालों के फायदे।


इन मसालों का इन रोगों में ऐसे करें इस्तेमाल:

अजवाइन का इस्तेमाल भारत की हर रसोई में किया जाता है। अजवाइन कई कामों में आता है। इसलि तासीर गर्म होती है, इसलिए ठंढ के समय में इसकी माँग बढ़ जाती है। अजवाइन के दाने पेट सम्बन्धी परेशानियों को दूर रखते हैं। जिन लोगों को अपच की समस्या है उन्हें खाने के10 मिनट के बाद अजवाइन गर्म पानी से खानी चाहिए। यह पेट के मरोड़ और आफरे को भी ठीक करता है।

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हल्दी के बिना किसी भी सब्जी का रंग ही फीका लगता है। हल्दी में विटामिन ए, प्रोटीन और कार्बोहायड्रेट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। हल्दी शरीर के जमे हुए कॉलेस्ट्रोल को घोलने का काम करती है। यह सर्दी-खांसी को पल में दूर कर सकता है। हल्दी खून को पतला और साफ़ करने का भी काम करता है। शरीर के हर तरह के दर्द और बाहरी एवं अंदरूनी चोटों को भी हल्दी ठीक कर देता है। हल्दी को दूध में मिलाकर पीना बहुत फायदेमंद होता है।

जीरा हर तरह की सब्जी में तड़का लगाने के काम आता है। इसके साथ ही यह खाने को पचाने में भी मदद करता है। जीरा एसिडिटी और गैस की परेशानी को पल भर में दूर कर देता है। छाछ में भुना हुआ जीरा डालकर पीने से दस्त से छुटकारा मिलता है।

सोंठ सूखे हुए अदरक को कहा जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है। जो लोग गठिया या जोड़ों के दर्द की समस्या से ग्रस्त हों उन्हें सोंठ का सेवन जरुर करना चाहिए। इससे सेवन से सर्दी, जुकाम और सर दर्द से राहत मिलती है।\

लौंग में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो संक्रमण को दूर रखते हैं। दांत दर्द में लौंग रामबाण की तरह काम करता है। लौंग ठंढ से बचाव करने के साथ ही आपकी भूख भी बढ़ाता है। यह आपकी पाचन शक्ति भी ठीक रखता है। मुँह और सांसों की दुर्गन्ध दूर करने के लिए लौंग एक अच्छा उपाय है।


इलायची दो तरह की होती है। एक काली और बड़ी और दूसरी छोटी और हरी। काली इलायची की तासीर गर्म होने की वजह से इसका इस्तेमाल सर्दी के दिनों में ज्यादा किया जाता है। हरी इलायची आपकी पाचन क्रिया को ठीक रखने के साथ-साथ तनाव और सांसों की बदबू को दूर करता है।

खाने में काली मिर्च ना हो तो खाना अधुरा सा लगता है। काली मिर्च के कई फायदे हैं। यह सर्दी जुकाम के साथ ही मलेरिया में भी फायदेमंद होती है। यूरिक एसिड के मरीजों के लिए काली मिर्च का सेवन अच्छा होता है।

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हिंग की तासीर गर्म होती है और यह पित्त प्रधान होती है। गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। हिंग पेट की गैस को दूर करने के साथ ही गुड़ के साथ खाने पर पेट के कीड़ों को भी ख़त्म कर देती है।

मेथी में विटामिन ए, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन और बी कॉम्प्लेक्स पाया जाता है। यह मधुमेह और जोड़ों के दर्द में फायदेमंद होती है। मेथी दाना बालों के लिए भी बहुत अच्छा होता है।

दालचीनी को प्राचीनकाल से ही आयुर्वेदिक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसमें कैल्शियम, मैंगनीज और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। दालचीनी वजन घटाने में, एसिडिटी में, कैंसर से बचाव और सर्दी-खांसी से बचाव करता है।

राई पेट में गैस नहीं बनने देती है और पाचन शक्ति को मजबूत रखती है। अगर आप दस्त की परेशानी से गुजर रहे हैं तो छांछ में इसका छौंक लगाकर पीयें। दस्त की परेशानी से मुक्ति मिलेगी।

सुखी धनिया की तासीर ठंढी होती है। यह शरीर की जलन, पेशाब की जलन, पेट की गर्मी से बचाव करती है। बबासीर के मरीजों को धनिये का सेवन जरुर करना चाहिए।

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