महाशिवरात्रि 13 फरवरी या 14 को ? जानें सही तिथि और मुहूर्त


काफी सालों से  भगवान शिव के भक्त महाशिवरात्रि के आने का इंतजार करते रहते हैं. माना जाता है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ।महाशिवरात्रि  शिवभक्तों के लिए सबसे महत्तपूर्ण त्यौहार है. हिन्दु मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की शादी हुई थी. इस पवित्र पर्व पर चारों और मंदिरों में भगवान शिव के जयकारों से गुजते रहते हैं, लेकिन इस बार भगवान बोले नाथ के भक्त बड़ी उलझन के फंस गये हैं कि शिवरात्री 13 फरवरी को मनाये या 14 फरवरी को मनाएं.


महाशिवरात्रि  का त्यौहार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। लेकिन इस बार बड़ी गंभीर स्थिति बनी हुई हैं13 जनवरी को पूरे दिन त्रयोदशी तिथि है और मध्यरात्रि में 11 बजकर 35 मिनट से चतुर्दशी तिथि लग रही है। जबकि 14 फरवरी को पूरे दिन और रात 12 बजकर 47 मिनट तक चतुर्दशी तिथि है।

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धर्मसिंधु नामक ग्रंथ के अनुसारा कहा जा रहा है कि  ‘परेद्युर्निशीथैकदेश-व्याप्तौ पूर्वेद्युः सम्पूर्णतद्व्याप्तौ पूर्वैव।।’ यानी चतुर्दशी तिथि दूसरे दिन निशीथ काल में कुछ समय के लिए हो और पहले दिन सम्पूर्ण भाग में हो तो पहले दिन ही यह व्रत करना चाहिए।निशीथ काल रात के मध्य भाग के समय को कहा जाता है जो 13 तारीख को कई शहरों में अधिक समय तक है।

शास्त्रानुसार आपको बता दें कि  13 फरवरी महाशिवरात्रि उज्जैन, मुंबई, कर्नाटक, तमिलनाडु, नागपुर, चंडीगढ़, गुजरात में मनाई जाएगी।क्योंकियहां 13 तारीख को ही चतुर्दशी तिथि संपूर्णरूप से निशीथव्यापनी रहेगी।

वहीं पूर्वी भारत की बात करें तो जहां स्थानीय रात्रिमान के अनुसार निशीथकाल 14 फरवरी को रात 12 बजकर 47 मिनट पर समाप्त हो रहा है  यहां पर4 फरवरी को महाशिवरात्रि का व्रत होगा.कहा जाता है कि महाशिवरात्रि का व्रत रखना मंगलवार, रविवार और शिवयोग में यह व्रत रखना विशेष शुभ माना जाता है.

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