दाल बाटी और चूरमे के बिना राजस्थानी पकवान अधूरा होता है इसे आज भी राजस्थान के गावों मे उपलो पर बनाते है और शहरो मे ओवन, तंदूर आदि पर बनाते है। सब मे एक चीज़ common है घी, इसे घी की मदद से बनाया जाता है। इसे दाल के साथ खाया जाता है, और इसे बनाने मे टाइम भी कम लगता है|
• सामग्री :-
- आटा – 4 छोटी कटोरी
- नमक – स्वादानुसार
- अजवाइन – 1 छोटी चम्मच
- मीठा सोडा – 1 पिंच
- घी – 1/2 किलो
• विधि :-
1. आटा किसी बर्तन मे निकाल लीजिए फिर उसमे नमक, मीठा बेकिंग सोडा, अजवाइन और 3 छोटे चम्मच घी डाल दीजिए |2. आटे को अच्छी तरह से गूथ लीजिए, पर आटा थोड़ा सा टाइट होना चाहीए रोटियों के आटे से।
3. आटे के गोले बना लीजिए, लेकिन गोले रोटी के गोलो से बड़े होने चाहिए।
4. तंदूर को गैस पर 3 मिनट के लिए तेज़ आँच पर रख दीजिए, तंदूर पर आटे के गोले सेखने के लिए रख दीजिए, गोलो को चारो तरफ से पलट पलट कर सेख लीजिए। कुछ समय बाद उन के बीच मे से तरार चलने लगेगी, तो आप समझ लीजिए की बाटी बन गयी है। उन को तंदूर मे से उतार लीजिए, फिर कपड़े की मदद से उन्हे दबा कर दो हिस्सो मे तोड़ लीजिए। उसके बाद पिगले हुए घी मे डाल दीजिए, बाटियों को घी मे अच्छी तरह से भीगो लीजिए|
5. बाटी बन कर तैयार है| गरम गरम दाल के साथ परोसिए!