जानें कितनी सेफ है आपके शिशु की दूध की बोतल


कई सारे रिसर्च में यह बात सामने आई है कि बच्चों की फीडिंग वाली बोतलों में बिसफेनॉल-ए नाम का केमिकल पाया जाता है जो कई घातक बीमारियों को जन्म दे सकता है. अगर आप भी अपने बेबी को बॉटल से फीड कराती हैं तो इन बातों का ध्यान रख लें.

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कई सारे रिसर्च में यह बात सामने आई है कि बच्चों की फीडिंग वाली बोतलों में बिसफेनॉल-ए नाम का केमिकल पाया जाता है जो कई घातक बीमारियों को जन्म दे सकता है. अगर आप भी अपने बेबी को बॉटल से फीड कराती हैं तो इन बातों का ध्यान रख लें. कई सारे रिसर्च में यह बात सामने आई है कि दूध पिलाने की बोतलों में बिसफेनॉल ए (बी.पी.ए.) नाम का एक केमिकल पाया जाता है जो कई सारी घातक बीमारियों को जन्म दे सकता है. बी.पी.ए. एक ऐसा कैमिकल है जिसे प्लास्टिक को सख़्त बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
ऐसे में ये करना चाहिए हर मां को :

- शिशु की बोतल को गरम पानी से ही धोएं.

- बोतल में रखा दूध गरम करने के लिए माइक्रोवेव का इस्तेमाल कभी न करें.

- बोतल की निप्पल को साबुन वाले गरम पानी में कुछ देर तक भिगोकर रख दें फिर इसे अच्छे से धो लें.

- बोतल की निप्पल पर हल्की-सी भी खरोच दिखने पर या फिर इसके फटने पर तुरंत बादल दें.

- बच्चे के सो जाने पर मुंह से दूध की बोतल याद से निकाल दें, ऐसा न करने से बच्चे को कान का इंफेक्शन और दात खराब होने का खतरा ज्यादा हो सकता है.

बोतल से दूध पिलाने के इस्तेमाल से बचने का एक उपाय यह है की जितना हो सके शिशु को ब्रेस्टफीड कराएं.

ब्रेस्टफीड करानी वाली मांओं को जरूरत होती है एक संतुलित आहार की जिससे कि सही मात्रा में दूध बन सके.

ऐसे में गाजर, फल-सब्जियां, नट्स, ओट्स, पानी, कुकीज, तिल को अपने आहार में जरूर शामिल करें.

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