दिवाली विशेष: छोटी दिपावली के दिन करें ये उपाय, यम के आर्शीवाद से मिलेगा धन लाभ


जल्‍द ही दीपावली का त्‍योहार आने वाला है लेकिन इससे ठीक एक दिन पहले मनाई छोटी दिपावली मनाई जाती है। इसे कई नामों से भी जाना जाता है जैसे नरक चतुर्दशी, रूप चौदस या फिर काली चतुर्दशी भी कहा जाता है। कहते हैं कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसी दिन शाम को दीपदान की प्रथा है जिसे यमराज के लिए किया जाता है। इस पर्व का जो महत्व है उस दृष्टि से भी यह काफी महत्वपूर्ण त्योहार है।

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इस रात दीये जलाने की प्रथा के संदर्भ में कई पौराणिक कथाएं और लोकमान्यताएं हैं। कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अत्याचारी और दुराचारी दु्र्दांत असुर नरकासुर का वध किया था और सोलह हजार एक सौ कन्याओं को नरकासुर के बंदी गृह से मुक्त कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था। इस उपलक्ष्य में दीयों की बारात सजाई जाती है।

नरक चतुर्दशी का त्‍योहार धनतेरस के ठीक अगले दीन आता है तो इस दिन आपको सुबह उठकर तेल लगाकर और पानी में चिरचीरे के पत्‍ते डालकर उससे स्‍नान करने से और भगवान विष्‍णु व कृष्‍ण के मंदिर मे दर्शन करने से आपको पुण्‍य का फल प्राप्‍त होता है।
इससे पाप कटता है और कन्‍याओं का रूप सौंदर्य बढ़ता है।

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इस दिन घर का सबसे बड़ा सदस्‍य रात को दिया जलाता है और सारे घर में घुमता है उसके बाद इसे बाहर ले जाता है और सभी सदस्‍य घर के अंदर रहते हैं। इसे यम का दिया कहा जाता है और ऐसा करने से सारी नकारात्‍मक उर्जा बुराइयां और कथित बुरी शक्तियां दूर चली जाती है।

शास्‍त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था। साथ ही नरकासुर ने जो 16 हजार कन्याओं को बंदी करा था। उन्हें आजाज कराया था। इन बंदी कन्याओं ने श्री कृष्ण से कहा कि अब यह समाज हमें स्वीकार नही करेगा। इसलिए आप ही कोई उपाय बताएं। जब श्री कृष्ण ने सत्यभामा की मदद से सभी कन्याओं से विवाह कर लिया।

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