जब भी कोई कोई आपके पैर छूए तो इन बातों का रखें ध्यान, होता है फलदायक


हमारे देश में प्राचीन समय से ही यह परंपरा चली आ रही है कि हमें हमेशा अपने से बड़े लोगों के पैर छुना चाहिए, ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि ऐसा करके बड़े लोगों का सम्मान दिया जाता है। आपको बताना चाहेंगे की जिन लोगों के पैर छुए जाते हैं, उनके लिए शास्त्रों में कई तरह के नियम भी बनाए गए हैं जिनके बारे में आज हम आपको यहाँ बताएँगे की जब कोई व्यक्ति आपके पैर छुता है तो आपको क्या करना चाहिए।

सबसे पहले तो ये जान लीजिये की पैर छुने का यह मतलब कटाई नहीं है की इससे हम सिर्फ बड़ो का सम्मान करते है, शास्त्रों के अनुसार बताया गया है की ऐसा करने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारण हैं। बता दे की जब भी कोई आपके पैर छुए तो उसे आशीर्वाद और शुभकामनाएं तो देना ही चाहिए मगर उसके साथ ही हमेशा भगवान का नाम भी लेना चाहिए क्योंकि बहुत कम ही लोग जानते होंगे की जब भी कोई आपके पैर छुता है तो इससे आपको दोष भी लगता है और इसी दोष से मुक्ति के लिए भगवान का नाम लेने को कहा जाता है।

सिर्फ इतना ही नहीं यह बात हमेशा से कहा गया है की भगवान का नाम लेने से पैर छुने वाले व्यक्ति को भी सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं और तो और आपके पुण्यों में इजाफा होती है। बताना चाहेंगे की प्रणाम करना मात्र एक परंपरा या बंधन नहीं है बल्कि यह विज्ञान से भ जुड़ा हुआ है जो कई तरह से हमारे शारीरिक, मानसिक और वैचारिक विकास से जुड़ा हुआ है।

ऐसा माना जाता है की पैर छुने से केवल बड़ों का आशीर्वाद ही नहीं मिलता बल्कि एक तरह से देखा जाए तो इससे शारीरिक कसरत भी हो जाती है। आपको बता दे की पैर चुने के भी कुछ तौर तरीके होते है, कहा जाता है की तीन तरह से पैर छुए जाते हैं। एक तरीका होता है झुककर पैर छुने का, दूसरा होता है घुटने के बल बैठकर तथा तीसरा साष्टांग प्रणाम।

आपको जानकार थोड़ा अजीब लग सकता है मगर बताना चाहेंगे की किसी भी बड़े को प्रणाम करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे आपके अंदर का अहंकार कम होता है। देखा जाए तो जब भी हम किसी के पैर छूते है तो यह उसके प्रति समर्पण भाव होता है और जब मन में समर्पण का भाव आता है तो अहंकार स्वत: ही खत्म होता है। इसलिए आज भी हमारे माता-पिता हमे अपने से बड़ों को प्रणाम करना और उनका पैर छूने की सीख हमेशा देते है।

एक टिप्पणी भेजें