चाणक्य के अनुसार जो विद्यार्थी करते है ये 7 काम, वो नहीं हो सकते सफल


इसमें कोई शक नहीं कि जीवन को सही दिशा देने में शिक्षा का बहुत महत्व होता है, क्यूकि शिक्षा के बिना वास्तव में इंसान का जीवन अधूरा होता है. वैसे भी अच्छी शिक्षा के बिना एक अच्छा भविष्य हासिल करना काफी मुश्किल होता है. ऐसे में यदि कोई विद्यार्थी रास्ता भटक जाए तो उसका साथ छोड़ने की बजाय उसे सही राह दिखाने की कोशिश करनी चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि उन्हें लिए क्या सही है.

बरहलाल आज हम आपको आचार्य चाणक्य के अनुसार कुछ ऐसी बातों के बारे में बताएंगे, जिन्हे पढ़ाई करते समय ध्यान में रखना बेहद जरुरी है. वरना आपको जीवन में असफलता का मुँह भी देखना पड़ सकता है. तो चलिए अब हम आपको उन बातों के बारे में बताते है, जिनसे चाणक्य दूर रहने की सलाह देते है.


१. कामवासना..
सबसे पहले तो किसी भी छात्र को कामवासना से दूर रहना चाहिए, क्यूकि यदि कोई छात्र कामवासना में पड़ जाए तो उसका मन अध्ययन में कभी नहीं लगता. इसके इलावा इससे किसी भी छात्र का मन पढ़ाई की तरफ से भटक सकता है. वैसे भी आज के समय के छात्रों को इन नियमो का पालन करने की काफी जरूरत है. इसलिए हो सके तो चाणक्य की इस बात को ध्यान में रखे.

२. क्रोध..
इस बारे में चाणक्य का कहना है कि गुस्सा इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन होता है, क्यूकि गुस्से में इंसान की सोचने समझने की शक्ति काम करना बंद कर देती है. इसलिए छात्रों को हमेशा क्रोध से बच कर रहना चाहिए. इससे उनका भविष्य भी खराब हो सकता है.
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३. लालच..
अब ये तो सब जानते है कि लालच करना कितनी बुरी बला है और चाणक्य के अनुसार इसे अध्ययन के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट माना जाता है. इसलिए छात्र को किसी भी चीज को हासिल करने के लिए लालच नहीं करना चाहिए. फिर भले ही वो अंक हो या जीवन की पूंजी, लेकिन छात्र को हर चीज में संयम रखना चाहिए.


४. स्वाद..
चाणक्य का मानना है कि एक छात्र का जीवन तपस्वी की तरह होता है. इसलिए उसे स्वादिष्ट भोजन खाने की बजाय एक संतुलित आहार ही लेना चाहिए. ताकि उनका तन और मन दोनों शुद्ध रह सके.

५. श्रृंगार.. 
चाणक्य का कहना है कि एक छात्र को हमेशा साधारण जीवन शैली को ही ग्रहण करना चाहिए. हालांकि आज के समय में ये मुमकिन नहीं है. मगर फिर भी चाणक्य के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जो छात्र पढ़ाई की बजाय अधिक साज श्रृंगार की तरफ ध्यान देते है, उनका मन अध्ययन से भटक ही जाता है.

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६. मनोरंजन..
अब यूँ तो आज के जमाने में छात्र छात्रों के लिए पार्टी करना और दोस्तों के साथ घूमना फिरना एक आम सी बात है, लेकिन इस बारे में चाणक्य का कहना है कि छात्रों के लिए जरूरत से ज्यादा मनोरंजन करना उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है. इसलिए जितना जरुरी हो केवल उतना ही मनोरंजन करना चाहिए.

७. नींद..
वैसे तो एक छात्र के लिए नींद बहुत जरुरी है, लेकिन चाणक्य के अनुसार जो छात्र जरूरत से ज्यादा नींद लेते है, उन्हें भविष्य में जाकर आलस्य और असफलताओ का सामना करना पड़ता है.

बरहलाल अब तो आप समझ ही गए होंगे, कि विद्यार्थियों को जीवन में सफल होने के लिए किन चीजों से बचना चाहिए और किन चीजों को अपनाना चाहिए.

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