तिब्बत से लेकर भारत तक फेमस है स्पाइसी 'मोमोज'


दुनिया भर के लाेग खाने में कर्इ अलग-अलग तरह की स्पाइसी चीजें खाना पसंद करते हैं। जिसमें मोमोज लाेग काफी पसंद करते हैं। भारत में तो मोमोज को लेकर दीवानगी इतनी ज्यादा है कि मोमाज का भारतीयकरण हो गया। यहां पर आपको देसी स्टाइल में भी मोमोज मिल जाएंगे। तिब्बत से शुरू हुई ये डिश अब वर्ल्ड फेमस हो चुकी है। ताे  चलिए आज हम आपकाे बताते हैं आखिर भारत में माेमाेज कैसे आैर कब पहुंचा।


बता दें कि माेमाेज बनाने की शुरुआत तिब्बत से हुर्इ। ‘मोमोज’ को नेवार्स, लिम्बस, और मगर्स सहित पड़ोसी देश नेपाल के दिल के भी बेहद करीब माना जाता है। यही नही मंगोलियन बुज, चीनी जिओजी सहित मध्य एशियाई मांती, रूसी पेलमेनी, जर्मन मोल्टैचेन या इटैलियन रैव्योली से भी यह पूरी तरह जुड़ा हुआ है। वहीं अगर हम भारत की बात करते हैं तो मोमोज यानी मोमोज तिब्बत से नेपाल और नेपाल से भारत के नार्थ-ईस्ट इलाकों सिक्किम और दार्जलिंग में पहुंचा। ठंडे इलाके होने की वजह से मोमोज में मीट और चिकन का इस्तेमाल किया जाता था। वहीं नार्थ-ईस्ट से होता हुआ मोमोज गोभी, प्याज, सोयाबीन, पनीर के संस्करण के साथ देश के अन्य हिस्सों में पहुंच गया।

इस तरह हर जगह माेमाेज लाेगाे में बहुत फेमस हाे गया। लाेग अक्सर माेमाेज खाना पसंद करते हैं। जैसे-जैसे माेमाेज हर जगह लाेगाे में अपना स्वाद बिखेरता गया वैसे ही मोमोज को कई रूपों में तैयार किया जाता है।

इनमें से सी-मोमोज, कोथे मोमोज, मोमोज सूप और फ्राइड मोमोज सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं। सी-मोमोज को अक्सर प्याज, बड़े लाल मिर्च वगैरह से तैयार करके गर्म और स्पाइसी सॉस के साथ डिप करके खाया जाता है, मोमोज को ही कुछ अलग ढंग से तैयार करके टिंग मोमोज के रूप में भी पेश किया जाता है। हर जगह माेमाेज लाेगाे के लिए एक खास पसंद की डिश बन चुकी है।

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