सामग्री
स्टोव पर एक कड़ाही गरम करें और उसमें तिल के बीज लेकर इतना चलाएँ कि तिल अच्छी तरह भुन जाएँ। जब उनका रंग कुछ गहरा हो जाए, कड़ाही नीचे उतारकर तिल के बीजों को एक बरतन में अलग रख दें।
गुड़ को बारीक तोड़ लें। यह आवश्यक है, जिससे बाद में वह आसानी के साथ एक सा पिघल जाए। काम करने की जगह को साफ कर लें और फिर वहाँ थोड़ा सा तेल चुपड़ दें-बाद में वहीं आपको अपनी मिठाई बेलना है।
अब आप कड़ाही में शक्कर लेकर उससे बूरा शक्कर (भुनी शक्कर) बनाने की प्रक्रिया शुरू करें। इसके लिए कड़ाही को पुनः आग पर रखना होगा। शक्कर को चलाते रहें जिससे वह जले नहीं। कुछ देर बाद वह पिघलकर द्रव में तब्दील हो जाएगी।
सुझाव
जब पूरी शक्कर पिघलकर द्रव बन जाए, उसमें गुड़ के टुकड़े भी मिला दें और अच्छी तरह चलाते रहें, जिससे गुड़ और शक्कर एकसार हो जाएँ। जब दोनों आपस में अच्छी तरह घुल-मिल जाएँ, आँच धीमी कर दें और लगातार मिश्रण को चलाते हुए उसमें तिल के बीज मिलाते जाएँ।
अब आप इस मिश्रण में गुलाब की पंखुड़ियाँ भी मिला सकते हैं। जब सारी सामग्रियाँ अच्छी तरह आपस में घुल-मिल जाएँ, स्टोव बंद कर दें और कड़ाही का सारा मिश्रण पहले से तेल चुपड़कर तैयार जगह पर फैला दें।
एक चम्मच की सहायता से इस मिश्रण को समान मोटाई के साथ फैला दें। यह थोड़ा चिपचिपा होता है मगर मिश्रण को ज़्यादा से ज़्यादा पतला फैलाने का प्रयास करें। इस पेस्ट की ऊपरी सतह के ठंडे होने का कुछ इंतज़ार करें, जिससे बेलते वक़्त वह बेलन पर चिपके नहीं। और फिर मिश्रण को बीचोंबीच से बेलते हुए किनारों की तरफ अधिक दबाव के साथ बेलें। दबा-दबाकर मिश्रण को अधिक से अधिक पतला (लगभग 5 मिलीमीटर) बनाने की कोशिश करें! इसमें थोड़ी शक्ति और कुछ निपुणता की ज़रूरत होती है मगर गज़क जितनी पतली होगी उतनी ही स्वादिष्ट और कुरकुरी होगी!
अंत में एक पिज्जा-रोलर-नाइफ लेकर (पिज्जा काटने का चाकू लेकर) गज़क को चौकोर टुकड़ों में काट लें या अपना मनपसंद आकार दें। अगर आप उसे इसी समय काट लें तो यह आसानी के साथ हो जाएगा जबकि अधिक देर हो जाने पर उसे काटने का एकमात्र उपाय होगा, उसे तोड़कर अलग करना!
आप इस मिठाई को गरम या ठंडा किसी भी तरह से खा सकते हैं
- 20 बड़े चम्मच तिल के बीज
- 10 बड़े चम्मच शक्कर
- 1 गोल्फ बाल के बराबर गुड़
- 15 गुलाब की पंखुड़ियाँ
स्टोव पर एक कड़ाही गरम करें और उसमें तिल के बीज लेकर इतना चलाएँ कि तिल अच्छी तरह भुन जाएँ। जब उनका रंग कुछ गहरा हो जाए, कड़ाही नीचे उतारकर तिल के बीजों को एक बरतन में अलग रख दें।
गुड़ को बारीक तोड़ लें। यह आवश्यक है, जिससे बाद में वह आसानी के साथ एक सा पिघल जाए। काम करने की जगह को साफ कर लें और फिर वहाँ थोड़ा सा तेल चुपड़ दें-बाद में वहीं आपको अपनी मिठाई बेलना है।
अब आप कड़ाही में शक्कर लेकर उससे बूरा शक्कर (भुनी शक्कर) बनाने की प्रक्रिया शुरू करें। इसके लिए कड़ाही को पुनः आग पर रखना होगा। शक्कर को चलाते रहें जिससे वह जले नहीं। कुछ देर बाद वह पिघलकर द्रव में तब्दील हो जाएगी।
सुझाव
जब पूरी शक्कर पिघलकर द्रव बन जाए, उसमें गुड़ के टुकड़े भी मिला दें और अच्छी तरह चलाते रहें, जिससे गुड़ और शक्कर एकसार हो जाएँ। जब दोनों आपस में अच्छी तरह घुल-मिल जाएँ, आँच धीमी कर दें और लगातार मिश्रण को चलाते हुए उसमें तिल के बीज मिलाते जाएँ।
अब आप इस मिश्रण में गुलाब की पंखुड़ियाँ भी मिला सकते हैं। जब सारी सामग्रियाँ अच्छी तरह आपस में घुल-मिल जाएँ, स्टोव बंद कर दें और कड़ाही का सारा मिश्रण पहले से तेल चुपड़कर तैयार जगह पर फैला दें।
एक चम्मच की सहायता से इस मिश्रण को समान मोटाई के साथ फैला दें। यह थोड़ा चिपचिपा होता है मगर मिश्रण को ज़्यादा से ज़्यादा पतला फैलाने का प्रयास करें। इस पेस्ट की ऊपरी सतह के ठंडे होने का कुछ इंतज़ार करें, जिससे बेलते वक़्त वह बेलन पर चिपके नहीं। और फिर मिश्रण को बीचोंबीच से बेलते हुए किनारों की तरफ अधिक दबाव के साथ बेलें। दबा-दबाकर मिश्रण को अधिक से अधिक पतला (लगभग 5 मिलीमीटर) बनाने की कोशिश करें! इसमें थोड़ी शक्ति और कुछ निपुणता की ज़रूरत होती है मगर गज़क जितनी पतली होगी उतनी ही स्वादिष्ट और कुरकुरी होगी!
अंत में एक पिज्जा-रोलर-नाइफ लेकर (पिज्जा काटने का चाकू लेकर) गज़क को चौकोर टुकड़ों में काट लें या अपना मनपसंद आकार दें। अगर आप उसे इसी समय काट लें तो यह आसानी के साथ हो जाएगा जबकि अधिक देर हो जाने पर उसे काटने का एकमात्र उपाय होगा, उसे तोड़कर अलग करना!
आप इस मिठाई को गरम या ठंडा किसी भी तरह से खा सकते हैं