नीबू का भरवां अचार बनाने की विधि - Nimbu Ka Bharwan Achar Recipe In Hindi

नीबू दिसम्बर और जनवरी के महीने में बहुत अच्छा आता है, इस समय पतले छिलके वाला कागजी नीबू बाजार में आसानी से मिल जाता है, जो अचार के लिये अच्छा रहता है, नीबू का अचार डालने के लिये यही समय सबसे अच्छा है़. नीबू का अचार कई तरीके से बनाया जाता है, नीबू का सादा अचार, नीबू का मीठा अचार, हम बना चुके हैं, आज हम नीबू का भरवां अचार बनायेंगे.
आवश्यक सामग्री - 
  • नीबू - 500 + 250 ग्राम
  • काला नमक - 1/4 कप
  • सादा नमक - 1/4 कप
  • सेंदा नमक (लाहोरी नमक) - 2 छोटी चम्मच
  • अदरक पाउडर (सोंठ पाउडर ) - 2 छोटे चम्मच
  • हल्दी पाउडर - 1 छोटी चम्मच
  • हींग - 1/4 छोटी चम्मच
  • जावित्री - 2-3 फूल
  • जीरा - 2 छोटी चम्मच
  • अजवायन - 2 छोटे चम्मच
  • मेथी दाना - 2 छोटे चम्मच
  • धनियां पाउडर - 2 छोटी चम्मच
  • पीपर पाउडर - 1 छोटी चम्मच (साबुत पीपर 6-7 पाउडर कर लेंगे)
  • साबुत गरम मसाला -
  • बड़ी इलाइची-10 , काली मिर्च - 2 छोटी चमम्च,
  • दालचीनी - 2 इंच टुकड़े, जायफल - 1
विधि - 
नीबू को रात भर पानी में डाल कर रख लीजिये, नीबू को पानी से निकालिये और अच्छी तरह पानी सूखने तक सुखा लीजिये. 
नीबू में इस तरह ऊपर से 2 कट लगायेंगे कि नीबू नीचे की ओर से जुड़े रहें, 500 ग्राम सारे नीबू काट कर तैयार कर लीजिये.
पहले हम साबुत गरम मसाले, मेथी, जीरा, अजवायन, जावित्री सब को हल्का दरदरा पीस कर तैयार कर लीजिये, किसी बड़े प्याले में डालकर सभी पिसे मसाले, डालकर अच्छी तरह मिला दीजिये.
एक एक नीबू लेकर, जितना मसाला नीबू में आ जाय उतना भर लीजिये, सारे नीबू भर कर तैयार कर लीजिये (नीबू को चाहें तो सफेद धागे से बांध भी सकते हैं). भरे हुये नीबू पहले से तैयार किये हुये सूखे कन्टेनर में सीधे सीधे लगा दीजिये, यदि मसाला बचा हुआ है, तो मसाला नीबू के ऊपर कन्टेनर में डाल दीजिये. 
250 ग्राम नीबू का रस निकाल कर, भरे हुये नीबू के ऊपर कन्टेनर में डाल दीजिये, नीबू 3-4 दिन में रस में डूब जायेंगे. नीबू का अचार कौ धुप में रखने से अचार जल्दी बन कर तैयार हो जाता है. रूम के अन्दर नीबू का अचार 1 माह में खाने के लिये तैयार हो जाता है, नीबू के छिलके नरम हो गये होते हैं. नीबू का भरवां अचार खाने के लिये तैयार है.
नीबू का अचार 2-3 साल तक रख कर खाया जा सकता, अचार पुराना होता जाता है, स्वादिष्ट और पेट के लिये पाचक बनता जाता है, गैस या अपच जैसी पेट की गड़बड़ी में ये अचार बहुत फायदे मन्द होता है.
सुझाव:
अचार बनाते समय, जो बर्तन प्रयोग करेंगे वे सब एकदम सूखे और साफ हों, किसी भी तरह की कोई भी नमी बर्तन में न हो.
अचार जिस कन्टेनर में भरकर रखना है, उसे उबलते पानी से धोयें और धूप में बिलकुल अच्छी तरह सुखा लें (धूप न हो तो बोटल को ओवन में भी सुखाया जा सकता है).
अचार को जब भी निकालें सूखे और साफ चम्मच से ही निकाले. अगर धूप आती है तब 2-3 महिने में अचार को एक बार दिन भर की धूप में रखें, अचार बहुत दिन तक चलते हैं.

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