नवरात्र व्रत के दूसरे दिन ऐसी हो आपकी फलाहार थाली


आज नवरात्रि का दूसरा दिन है और इस दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी को माता पार्वती का रूप माना जाता है.

ऐसी मान्यता है कि सती होने के बाद उन्होंने इसी रूप में भगवान शिव को दोबारा पति रूप में पाया था. कमंडलधारिणी मां को चीनी और पंचामृत का भोग लागाया जाता है, इससे परिवार में अकाल मृत्यु की संभावना खत्म हो जाती है.

दूसरे दिन के व्रत में शाम को अपनी फलाहारी थाली में अलग-अलग तरह के पकवानों से सजी थाली का आनंद ले सकते हैं. इसमें सिंघाड़े की पूरियां, दही भल्ले, फ्रूटी-श्रीखंड, खीर, अंगूर की सब्जी, शामिल कर सकते हैं.
देवी ब्रह्मचारिणी को पंचामृत का प्रसाद चढ़ाया जाता है तो आप भी अपनी फलाहार की थाली में पंचामृत रख सकते हैं. मीठे दाने में चीनी या मिश्री का भोग लगाना फलदायी माना जाता है.

ये है पंचामृत बनाने का सही तरीका
पंचामृत बनाने के बारे में बताया है. पंचामृत बनाने के लिए ये मुख्य 5 चीजें चाहिए होती हैं. जबकि तुलसी और गंगाजल अलग से डाला जाता है.
एक कप दूध
आधा कप दही
1 बड़ा चम्मच शहद
1 चीनी/मिश्री
1 छोटा चम्मच घी
इसके अलावा इसमें गंगाजल और तुलसी के पत्ते
- दूध को एक बड़े बर्तन में डालें और इसमें दही, शहद, गंगा जल व तुलसी पत्ते डालकर मिला लें.
- लीजिए तैयार हो गया पंचामृत.
(फलाहारी थाली का ये प्लान तैयार किया है. जरूरी नहीं  है कि आप इसे अपनाएं. आप फलाहार की थाली अपनी सुविधा अनुसार भी तैयार कर सकते हैं. यह प्लान बाध्यकारी  नहीं है.)

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