भारतीय वैदिक ज्योतिष के अनुसार आकर्षण और प्रेम वासना का प्रतीक शुक्र ग्रह नक्षत्रों के प्रभाव से व्यक्ति समाज पशु-पक्षी और प्रकृति तक प्रभावित होते हैं। ग्रहों का असर जिस तरह प्रकृति पर दिखाई देता है ठीक उसी तरह मनुष्यों पर सामान्यतः यह असर देखा जा सकता है। आपकी कुंडली में ग्रह स्थिति बेहतर होने से बेहतर फल प्राप्त होते हैं। वहीं ग्रह स्थिति अशुभ होने की दशा में अशुभ फल भी प्राप्त होते हैं। बलवान ग्रह स्थिति स्वस्थ सुंदर आकर्षण की स्थितियों की जन्मदाता बनती हैं तो निर्बल ग्रह स्थिति शोक संताप विपत्ति की प्रतीक बनती हैं।
यदि आपके जन्मांक में शुक्र जी अशुभ हैं तो आर्थिक कष्ट, स्त्री सुख में कमी, प्रमेह, कुष्ठ, मधुमेह, मूत्राशय संबंधी रोग, गर्भाशय संबंधी रोग और गुप्त रोगों की संभावना बढ जाती है और सांसारिक सुखों में कमी आती प्रतीत होती है। शुक्र के साथ यदि कोई पाप स्वभाव का ग्रह हो तो व्यक्ति काम वासना के बारे में सोचता है।
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शुक्र ग्रह का शुभ होना जहां जीवन में खुशहाली के लिए आवश्यक है, वहीं जीवन में सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं पाने तथा आर्थिक संपन्नता के लिए शुक्र ग्रह का एक शुभ होना अत्यंत मायने रखता है। शुक्रवार को जहां मां लक्ष्मी का दिन माना जाता है, यह दिन शुक्र ग्रह से जुड़ा भी माना जाता है। इसलिए इस दिन शुक्र ग्रह की अशुभता दूर करने के लिए किए गए उपाय अपने आप ही आपको मां लक्ष्मी का कृपा पात्र भी बनाता है।
यहां हम आपको इलायची के साथ शुक्र मंत्र का जाप करने का एक खास उपाय बता रहे हैं, जो धन-संपत्ति समेत आपकी हर प्रकार की समस्या दूर करने के साथ ही आपकी हर मनोकामना पूरी कर सकता है। इसे आप किसी भी शुक्रवार को कर सकते हैं लेकिन ध्यान बस इतना रखें कि इसे रात में और विशेष कर रात 8 बजे के बाद ही करें।
सबसे पहले इस उपाय को करने के लिए आप शाम के समय अच्छी प्रकार हाथ-पैर धुलकर स्वच्छ हो लें। उसके उपरांत अपने हाथों में 3 हरी इलायची लें।इसके बाद यदि आपके घर पूजास्थल है, तो वहां जाएं और अगर नहीं है तो गरूड़ पर सवार या कमल के आसन पर बैठी हुई मां लक्ष्मी की तस्वीर को घर के किसी शांत और साफ जगह पर स्थापित करें।
अब उस तस्वीर के सामने ली हुई तीनो इलायची रख दें। इसके बाद अपने ईष्टदेव का पहले ध्यान करें, फिर मां लक्ष्मी- भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए शुक्रदेव से अपनी मनोकामना पूरी करने तथा सभी परेशानियां दूर करने की मन ही मन प्रार्थना करें। अब शुक्र मंत्र “ऊं द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:” का 21 बार जाप करें।
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इसके पश्चात सभी इलायची को दायें हाथ की मुट्ठी में लें और उसी प्रकार मुट्ठी बंद किए हुए घर के बार जाएं और इसके 3 उल्टे चक्कर (एंटी-क्लॉक वाइज) लगाएं। अब पूजा घर या जहां भी आपने पूजा की थी, वहां आकर बैठ जाएं और सभी भगवान, देवों, नवग्रहों का ध्यान करते हुए अपनी परेशानियां मुंह से बोलकर दूर होने की प्रार्थना करें। ऐसा करते हुए आपकी मुट्ठी उसी प्रकार बंद होनी चाहिए। अब मुट्ठी खोलें और उसपर 3 बार फूंक मारें। अब इस इलायची को किसी स्टील या तांबे के कटोरे या कटोरी में रखकर मुख्य द्वार पर ले जाएं।
पूजा का कपूर जलते हुए
वहां इस इलाइची के ऊपर कुछ कपूर भी रखें और रखकर इसे जला दें।इस इलाइची को पूरा जलने दें। जब यह जलकर पूरी तरह से खत्म हो जाए और राख बचे तो उसे तुलसी के पौधे में डाल दें। तुलसी ना हो तो इसी भी पुधे में डाल सकते हैं। दोनों ही न होने पर पानी में भी प्रवाहित कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको कुछ ही दिनों में इसका असर दिखेगा और एके जीवन की सभी विपदाएं भी दूर हो जाएँगी |