भूल कर भी ये 6 मूर्तियों को घर के मंदिर ना रखे, नहीं तो हो जायेंगे बर्बाद


यह बात हम सब जानते हैं कि भारत के लोग बहुत ही ज्यादा पूजा पाठ और रीति-रिवाजों में विश्वास रखते हैं। ऐसे में अपने घर में सुख शांति बनाए रखने के लिए हम देवी देवताओं की मूर्तियां ले कर आते हैं। परंतु आज हम आपको यह बताएंगे कि कुछ मूर्तियां ऐसी होती है जिनको मंदिर में ही रहने देना चाहिए। उनको कभी भी घर के मंदिर में नहीं रखना चाहिए। उनकी जगह मंदिर में ही सही रहती है। आईये जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के हिसाब से कौन सी मूर्तियां घर में नहीं रखनी चाहिए।

वास्तु शास्त्र कहता है कि घर में कभी भी शिवलिंग को नहीं रखना चाहिए। क्योंकि उसे शून्य और वैराग्य का प्रतीक माना जाता है। अगर आप शिवलिंग रखना भी चाहते हैं तो उसे अंगूठे का आकार जितनी ही प्रतिमा रखनी चाहिए।

आप सबने भैरव का नाम तो सुना ही होगा। उन्हें भगवान शिव का ही रूप माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि वह तंत्र मंत्र की साधना से खुश रहते हैं। ऐसे में वो तामसिक देवता है इसलिए उनको भी घर में नहीं रखना चाहिए। अगर आप भैरव जी को खुश करना चाहते हैं तो 8 साल से छोटे बालक को भोजन कराते रहें।

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ऐसे ही आप सबने नटराज का भी नाम सुना होगा। यह भी भगवान शिव का ही स्वरुप माने जाते हैं। वास्तु शास्त्र के हिसाब से भगवान शिव को जब गुस्सा आता है, तब वह नटराज रूप धारण कर लेते हैं और तांडव करने लगते हैं। जिसका मतलब यह होता है कि जल्दी ही विनाश होने वाला है। तो लाज़मी सी बात है कि इस तरह की मूर्ति को घर में नहीं रखना चाहिए।

आप सबका शनि ग्रह शांत रहे और उनकी पूजा आराधना करें ऐसा ज्योतिष शास्त्र कहता है। परंतु उनको घर में लेकर आए। ऐसा ज्योतिष शास्त्र कभी भी नहीं कहता है। क्योंकि शनि महाराज को एकांत, उदासीनता और वैराग्य का देवता माना जाता है और जहां तक गृहस्थी और परिवार की बात है तो ऐसी जगहों में प्रेम और बहुत ही चीजों की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए ऐसी मूर्तियों को घर में नहीं लाना चाहिए।

अब बात करते हैं राहु की, तो ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि राहु को शांत करने के लिए पूजा करना जरूरी है। परंतु उसकी मूर्ति घर में कभी भी भूल कर नहीं लानी चाहिए।क्योंकि इसकी छाया ग्रह के साथ पाप ग्रह भी होता है और इसे एक तरह से असुर का रूप माना जाता है। इसलिए इस मूर्ति को परिवार से दूर रखना चाहिए।

राहु के साथ-साथ केतु को भी एक ग्रह माना जाता है। राहु और केतु दोनों असुर के शरीर से पैदा हुए हैं, इसलिए इन्हें पाप ग्रह भी माना जाता है इसलिए केतु को भी घर में नहीं लाना चाहिए।

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